महाभारत दोहा संग्रह Lyrics


महाभारत दोहा संग्रह Lyrics
महाभारत दोहा संग्रह महाभारत के मन को शांति प्रदान करने वाले दोहे .


महाभारत दोहा संग्रह Lyrics


 यही धरोहर वंश की यही रचा इतिहास ||

एकमात्र आशा यही एकमात्र विश्वास ||


काल बड़ा बलवान है सबको नाच नचाए ||

पांडू पुत्र में मांगते भिक्षा घर घर जाए ||


जो कुछ है संसार में जो कुछ है संसार ||

इसी कथा में कह दिया वेदव्यास ने सार||


 देश प्रेम पर स्वार्थ ने विश्व का किया प्रयोग ||

 विवश भीष्म विदुर दोनों विवश हैअसाध्य यह रोग ||


आंखें देखे मौन  मुख सहा  कहा ना जाए ।।

लेख विधाता का लिखा कौन किसे समझाए


 वचन दिया सोचा नहीं होगा क्या परिणाम 

 सोच समझकर कीजिए जीवन में हर काम //

 

जीवन को समझा रहा जिया हुआ इतिहास

जब तक तन में श्वास है तब तक मन में आस।।


आस कह रही श्वास से धीरज रखना सीख 

मांगे बिन मोती मिले मांगे मिले ना भीख।।


मत रो बहना द्रोपती जीवन है संग्राम 

धीरज रख मन शांत कर पूर्ण होंगे सब कम।।


आग ना बुझती द्वेष से बरसे मेघ महान

भीष्म  दृओण  दोनों थके दे पाए नहीं ज्ञान


क्रोधऔर अपमान की बुझ ना सकेगी ज्वाल

शौर्य ना धीरज धर सका खड़ा हुआ तत्काल।।


पवन तनय संकट हरण मंगल मूर्ति रूप 

राम लखन सीता सहित हृदय बसों सब ||


जहां सत्य का साथ है वही धर्म का मार्ग

जहां धर्म का वास है वही विजय की आस।।


कौन राह किसकी तके  भला बताएं कौन||

 करे प्रतीक्षा समय की रखें धैर्य और मौन


जन्मजात कुंडल कवच थे अंगों के अंग

 वहीं काट कर दे दिया अद्भुत दिव्य प्रसंग||


पश्चिम से सूरज उगे दिन बन जाए रात 

किंतु कभी ना मित्र से कौन करेगा घात||


भारती भूमि अखंड हो रहे सुरक्षित देश 

युग युग तक जीवित रहे यही अमर संदेश||


जब जब होती धर्म को सत्य शांति की चाल

 तब-तब शीश अधर्म को उठे रोकने राज||


मर्यादा ए मर मिटी गिरी अंधेरी रात 

आदर्शों की अब कहीं सुने ना कोई बात।।


 कर्मधार जब कर्ण हो नियम न होंगे भंग 

दानवीर की वीरता सदा रहेगी संग||


 द्रोण चले कर भीष्म को अंतिम आज प्रणाम 

फिर ना दिखेगा भीष्म सा धीर धीर निष्काम||

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